दिये गये चित्र को देखकर हाइकु लिखने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला 22 जून 2014 से 05 जुलाई 2014 तक चली। कार्यशाला में चार चित्र दिये गये था जिन पर हाइकुकारों ने हाइकु लिखकर हाइकु समूह पर पोस्ट किये। कार्यशाला में लिखे गए हाइकु अलग अलग चित्रों के अनुसार यहाँ प्रकाशित किये जा रहे हैं।
हाइकु कार्यशाला - चित्र-1
यदि जल है
मानिए ना मानिए
तो ही कल है
-मुकेश शर्मा
.............................
दयालु लाडो
गैर प्यास बुझाती
दानी महान
-सविता मिश्रा
............................
प्यास बुझाती
उदारमना नदी
पूछे न जाति
-सुनीता अग्रवाल
............................
आप हैं प्यासे
दिख रहे विकल
पीजिए जल
-सन्तोष कुमार सिंह
............................
मिला संस्कार
जगाया सेवा-भाव
नेक ईमान
-दिनेश पाण्डेय
............................
जगाती आस
अतीत की नदी में
नन्ही आस्था
-योगेन्द्र वर्मा
............................
पीढ़ा हरते
दिखते हैं संस्कार
प्यास बुझाते
-अलका गुप्ता
............................
बुझती प्यास
बुजुर्गों की ये आस
बच्चे हों पास
-ज्योतिर्मयी पन्त
............................
खाती खिलाती
बड़ी मिठियास से
बेटी हमारी
-मनोहर अभय
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स्कूली बिटिया
प्यासों को पानी देती
धर्म जानती
-शिवजी श्रीवास्तव
............................
नेह दर्शन
जीवन का स्पंदन
पा रही दुआ
-विभा श्रीवास्तव
............................
क्यों रहो प्यासे
जब साथ आपके
नव उन्मेष
-रामनिवास बांयला
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बिटिया रानी
है संस्कारों में पली
दिल की भली
-राजीव गोयल
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झरता स्नेह
तृप्त धरा आकाश
मोहिनी माया
-मीनाक्षी धनवंतरि
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मेरी है आशा
जल सब को मिले
रहे न प्यासा
-ओमप्रकाश क्षत्रिय
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पहला पाठ
जिंदगी ने सिखाया
दीनों की सेवा
-महेंद्र वर्मा "धीर"
............................
बिटिया मन
उतार रही ऋण
मानवता का
-शिव मूर्ति तिवारी
............................
बालक मन
बुझा गैरों की प्यास
हुआ प्रसन्न
-गुंजन गर्ग अग्रवाल
.............................
प्यारी बिटिया
जल से तृप्त करे
बृद्ध जनों को
-आशा लता सक्सेना
............................
प्यासे को पानी
पहला अधिकार
माँ ने सिखाया
-डॉ. प्रदीप शुक्ल
............................
नेह की प्यास
अंजुरी में टपके
भरे आँख में
-संध्या सिंह
............................
वाहह्ह्ह .... एक से बढ़ कर एक हाइकु आये ...
ReplyDeleteआभारी हूँ कि मेरा लिखा भी स्थान पा सका
वाह्ह ..विविध रूप एवं भाव लिए हुए एक से बढ़ कर एक हाइकु लिखे रचनाकारों ने ..मेरे लिखे को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार :) सादर
ReplyDeleteचित्र एक..,भाव अनेक....और एक से बढकर एक...:)
ReplyDeleteमेरे लिखे को स्थान मिला आभार |
ReplyDeleteइतने खूबसूरत एहसास लिए हाइकु...उनमें से एक एहसास मेरा भी ... हार्दिक आभार
ReplyDeleteहाइकू तो सभी सुन्दर हैं पर यह विशेष रूप से पसंद आये
ReplyDeleteनेह की प्यास
अंजुरी में टपके
भरे आँख में
-संध्या सिंह
प्यासे को पानी
पहला अधिकार
माँ ने सिखाया
-डॉ. प्रदीप शुक्ल
बालक मन
बुझा गैरों की प्यास
हुआ प्रसन्न
-गुंजन गर्ग अग्रवाल
नेह दर्शन
जीवन का स्पंदन
पा रही दुआ
-विभा श्रीवास्तव
प्यास बुझाती
उदारमना नदी
पूछे न जाति
-सुनीता अग्रवाल
बहुत बहुत बधाई सभी को .....अपना भी पसंद आया आभारी है हम ..नमन
ReplyDeleteवाह...सभी सार्थक एवं भावपूर्ण...बधाई सभी रचनाकारों को !
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